ग्वालियर में नियमों से खिलवाड़ः लाइसेंस निरस्त होने के बावजूद खुलेआम चल रहे अस्पताल, दूसरे नामों से खोल लिए हॉस्पिटल

Gwalior Impact Sting Operation

ग्वालियर में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) द्वारा अस्पतालों का लाइसेंस निरस्त करने के बावजूद खुलेआम इनका संचालन किया जा रहा है। चंद पैसों के लालच में डॉक्टरों ने नियमों को ताक पर रखकर अस्पताल का लाइसेंस निरस्त होने पर दूसरे नाम से उसी बिल्डिंग में हॉस्पिटल खोल लिए हैं। वहीं कुछ डॉक्टरों ने अस्पताल के बोर्ड हटा लिए हैं, लेकिन बिल्डिंग में खुलेआम मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। इसका खुलासा हुआ है Gwalior Impact के Sting Operation में। अब इस मामले में CMHO डॉ. मनीष शर्मा इन डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर कराने की बात कह रहे हैं।

इन अस्पतालों का लाइसेंस हुआ है कैंसिल
ग्वालियर में 14 अस्पताल ऐसे हैं, जिनके लाइसेंस की वैधता सिर्फ 31 मार्च 2021 तक थी। इन अस्पतालों को नोटिस जारी किया गया था कि ये वैधता के नवीनीकरण के लिए ऑनलाइन पंजीयन कराएं, लेकिन अस्पताल संचालकों ने इन पर ध्यान नहीं दिया। इसके चलते गत 13 अक्टूबर को CMHO डॉ. मनीष शर्मा ने एक आदेश जारी कर इन अस्पतालों के लाइसेंस कैंसिल कर दिए थे। इन अस्पतालों के नाम ये हैंः-
1-कान्हा हॉस्पिटल, 16 ललितपुर कॉलोनी
2-चहक हॉस्पिटल, 18 ललितपुर कॉलोनी
3-खुशहाल स्मृति, डी-12 गांधी नगर तानसेन रोड
4-अग्रवाल हॉस्पिटल, गरगज कॉलोनी बहोड़ापुर
5-ग्वालियर आई हॉस्पिटल, भारत टॉकीज रोड शिंदे की छावनी
6-जैन हॉस्पिटल एवं ट्रॉमा केयर सेंटर, 6 कल्पना नगर मुरार
7-सांई श्रद्धा हॉस्पिटल आईवीएफ एंड टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर, पीएनबी के पीछे थाटीपुर चौराहा
8-श्री अल्पना हॉस्पिटल, 23 वायु नगर भिंड रोड
9-डॉ. दिनेश मिश्रा मेमोरियल हेल्थ केयर सेंटर एंड मेटरनिटी होम, 38-39 जवाहर कॉलोनी कंपू
10-मां शीतला हेल्थ केयर नर्सिंग होम, गुड़ा-गुड़ी का नाका
11-शिवा हॉस्पिटल, नहर वाली माता रोड नाका चंद्रवदनी
12-चिल्ड्रन हॉस्पिटल, जाधव कॉलोनी बहोड़ापुर रोड
13-श्री पावन हॉस्पिटल, तानसेन नगर
14-श्री रामनाथ सिंह चिकित्सालय एवं अनुसंधान, सिथौली
(नोटः इस ऑर्डर में त्रुटिवश फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FPAI) का नाम भी शामिल हो गया था, लेकिन बाद में FPAI का लाइसेंस बहाल कर दिया गया।)

ये मिली अस्पतालों की स्थिति

कान्हा हॉस्पिटल

1-कान्हा हॉस्पिटलः गत 22 अक्टूबर शुक्रवार की दोपहर इस अस्पताल में तीन मरीज एडमिट थे। Gwalior Impact टीम एक मरीज के अटेंडेंट बनकर अस्पताल में घुसी और अस्पताल के संचालक डॉ. प्रदीप जैन के संबंध में पूछताछ की, तो स्टाफ ने बताया कि डॉक्टर शाम के समय अस्पताल में मिलेंगे। टीम ने इस दौरान अस्पताल में भर्ती मरीजों की लाइव रिकॉर्डिंग की। इसके साक्ष्य Gwalior Impact के पास मौजूद हैं।

चहक हॉस्पिटल

2-चहक हॉस्पिटलः कान्हा हॉस्पिटल के बाद टीम चहक हॉस्पिटल पहुंची, तो यहां क्लीनिकल स्टाफ मौजूद था, लेकिन डॉक्टर राम अरोरा यहां से नदारद थे। टीम ने अटेंडेंट बनकर जब बच्चे को दिखाने के लिए बात की, तो स्टाफ का कहना था कि डॉक्टर शाम पांच बजे से मरीज देखेंगे। टीम ने इसे भी लाइव शूट कर लिया।

अग्रवाल हॉस्पिटल

3-अग्रवाल हॉस्पिटलः शुक्रवार शाम लगभग चार बजे टीम अग्रवाल हॉस्पिटल पहुंची। यहां मौजूद स्टाफ ने बताया कि यहां डॉ. हरिप्रकाश अग्रवाल मरीजों को देखते हैं। अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने के लिए बाकायदा कमरे भी बने हुए थे और इनमें बेड भी डले थे। स्टाफ से बातचीत करने पर पता चला कि यहां जरूरत पड़ने पर मरीजों को भर्ती भी किया जा सकता है।

ग्वालियर आई हॉस्पिटल

4-ग्वालियर आई हॉस्पिटलः टीम ने मरीज बनकर मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने के लिए इस अस्पताल के स्टाफ साजिद से फोन पर बात की। इस दौरान साजिद ने बताया कि आंखों का ऑपरेशन 10 हजार से 30 हजार रुपए में हो जाएगा। यह ऑपरेशन डॉ. यतीश श्रीवास्तव करेंगे। जरूरत पड़ने पर मरीज को एडमिट कराने की भी व्यवस्था हो जाएगी।

5-जैन हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा केयर सेंटरः टीम ने गत शनिवार 23 अक्टूबर की दोपहर जैन हॉस्पिटल में मरीज दिखाने के लिए बात की। यहां मौजूद महिला कर्मचारी ने बताया कि डॉक्टर डीके जैन और डॉक्टर कल्पना जैन शाम के समय पांच बजे से मरीज देखते हैं। यहां बाकायदा हॉस्पिटल का बोर्ड लगा था और मेडिकल स्टोर का सेटअप भी मौजूद है।

सांई श्रद्धा हॉस्पिटल

6-सांई श्रद्धा हॉस्पिटलः थाटीपुर चौराहे के पास पीएनबी के पीछे एक बिल्डिंग में तीसरी मंजिल पर इस अस्पताल का संचालन किया जाता है। इसी बिल्डिंग के निचले फ्लोर पर एक अन्य अस्पताल भी संचालित होता है। यहां मौजूद स्टाफ ने बताया कि अभी डॉक्टर नहीं है। आप शाम के समय पर आएं।

श्री अल्पना हॉस्पिटल

7-श्री अल्पना हॉस्पिटलः भिंड रोड स्थित अस्पताल के फोन नंबर 9826344228 पर टीम ने मरीज का परिजन बनकर बात की। फोन रिसीव करने वाले डॉक्टर शैलेंद्र सिंह ने शाम को साढ़े आठ बजे आने के लिए कहा। उसका कहना था कि अस्पताल में मौजूद डॉक्टर पहले मरीज को देखेंगे और जरूरत पड़ेगी, तो उनसे संबद्ध दूसरे अस्पताल में भर्ती करा देंगे।

दिनेश मिश्रा मेमोरियल हॉस्पिटल वर्तमान में विष्णु पॉली क्लीनिक 

8-डॉ. दिनेश मिश्रा मेमोरियल हॉस्पिटलः जवाहर कॉलोनी स्थित अस्पताल में अलग ही स्थिति देखने में आई। यहां डॉक्टर रीता मिश्रा द्वारा मरीज देखे जा रहे थे, लेकिन बिल्डिंग के बाहर विष्णु पॉली क्लीनिक का बोर्ड लगा था। टीम ने जब सीएमएचओ कार्यालय के रिकॉर्ड को खंगाला, तो पता चला कि विष्णु पॉली क्लीनिक नाम से कोई रजिस्ट्रेशन हुआ ही नहीं है।

अपनी सफाई में क्या बोले डॉक्टर

रिश्तेदारों को चढ़ा रहे थे ड्रिप

सीएमएचओ को कोई कंफ्यूजन हो गया है। कान्हा हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन तो 3 साल पहले ही खत्म हो चुका है। हम यहां कोई मरीज भर्ती नहीं करते हैं। आप जिस समय की बात कर रहे हैं, उस समय तो हम रिश्तेदारों को बोतल चढ़ा रहे थे। मैंने यहां अपने क्लीनिक के लाइसेंस के लिए आवेदन किया है।
डॉ. प्रदीप जैन, संचालक कान्हा हॉस्पिटल

हम नहीं देख रहे हैं मरीज
आपको किसी ने गलत जानकारी दी है। हम अब क्लीनिक में कोई मरीज नहीं देखते हैं। (जबकि मौके पर क्लीनिकल स्टाफ मौजूद था। पहले डॉक्टर अरोरा के बेटे ने स्वयं स्वीकारा कि यहां मरीज देखे जाते हैं, लेकिन बाद में इनकार कर दिया।)
डॉ. राम अरोरा, संचालक चहक हॉस्पिटल

गलती हो गई, अब नहीं करूंगा
यह सही है कि मेरे अस्पताल का लाइसेंस निरस्त हो गया, लेकिन वहां मेरा निवास है। एकाध मरीज आ जाते हैं, तो मैं देख लेता हूं। अब आगे से मैं वहां कोई मरीज नहीं देखूंगा।
डॉ. एचपी अग्रवाल, संचालक अग्रवाल हॉस्पिटल

स्टाफ ने गलत बोल दिया है
कोविड पीरियड के कारण मैं लाइसेंस रिन्यू नहीं करा पाया था। अब मैंने नए लाइसेंस के लिए 15 अक्टूबर को आवेदन कर दिया है। जहां तक मरीज देखने की बात है, तो स्टाफ ने गलत बोल दिया होगा। ऐसा कुछ नहीं है। मैं सिर्फ ओपीडी में मरीज देख रहा हूं।
डॉ. यतीश श्रीवास्तव, संचालक ग्वालियर आई हॉस्पिटल

सीएमएचओ को नहीं मालूम नियम
मेरे हॉस्पिटल का लाइसेंस भले ही कैंसिल हो गया हो, लेकिन मैं ओपीडी में तो मरीज देख ही सकता हूं। सीएमएचओ को ही नियम नहीं मालूम है कि मैं अपने निवास पर मरीज देख सकता हूं। मुझे इसका अधिकार है।
डॉ. डीके जैन, संचालक जैन हॉस्पिटल

नहीं लगा फोन
टीम ने जब इस बारे में सांई श्रद्धा अस्पताल प्रबंधन का पक्ष जानने के लिए मोबाइल नंबर 91316-07704 और 89897-38959 पर कॉल किए, लेकिन ये दोनों मोबाइल नंबर स्विच ऑफ मिले।

मैं दूसरे अस्पताल में देखता हूं मरीज
मेरा एक दूसरा हॉस्पिटल है और मैं उसमें मरीज देखता हूं। हो सकता है कि कोई कंफ्यूजन हो गई हो। अब हम अल्पना हॉस्पिटल में कोई मरीज नहीं देखते हैं। आपको किसी ने गलत जानकारी दी है।
डॉ. शैलेंद्र सिंह, संचालक अल्पना हॉस्पिटल

हमने तो किराए पर दे दी है बिल्डिंग
हमने तो अप्रैल में ही सीएमएचओ कार्यालय को लिखकर दिया है कि हम अस्पताल का संचालन नहीं करना चाहते हैं। हमने इस बिल्डिंग को अब दूसरे क्लीनिक के लिए किराए पर दे दिया है, लेकिन उनका रजिस्ट्रेशन है या नहीं, इसकी मुझे जानकारी नहीं है।
डॉ. रीता मिश्रा, संचालक डॉ. दिनेश मिश्रा मेमोरियल हॉस्पिटल

बंद का मतलब बंद
जिन अस्पतालों के लाइसेंस कैंसिल किए गए हैं, वे बंद होंगे मतलब बंद। उस परिसर में किसी भी प्रकार की चिकित्सकीय गतिविधि का संचालन नहीं किया जा सकता है। यदि ऐसा होता है, तो संबंधित डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर तक का प्रावधान है। आप इस मामले में हमें साक्ष्य उपलब्ध कराएं, हम संबंधितों के खिलाफ तुरंत एक्शन लेंगे।                                                                                                                                                                            डॉ. मनीष शर्मा, सीएमएचओ ग्वालियर