आज है शरद पूर्णिमा, जाने क्यों है हिन्दू पंचांग में इसका अधिक महत्व

<p>आज है शरद पूर्णिमा, जाने क्यों है हिन्दू पंचांग में इसका अधिक महत्व</p>

यूँ तो हर माह एक पूर्णिमा आती है लेकिन हिन्दू पंचांग के अनुसार शरद पूर्णिमा का अलग महत्व होता है| इसे कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा भी कहा जाता है| धार्मिक मान्यतों के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात से सर्दियों की शुरुआत हो जाती है| कहा जाता है की शरद पूर्णिमा की रात चन्द्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है और इस रात चंद्र देव की पूजा करने के अनेक लाभ होते हैं एवं लक्ष्मी माँ की कृपा भी चाँद की दूधिया रौशनी के साथ भक्तों पर बरसती है| माना जाता है की शरद पूर्णिमा पर खीर बनाकर रात भर चन्द्र देव की रौशनी में रखने से खीर अमृत हो जाती है और उसे प्रसाद स्वरुप खाने से लोगों की बिमारियां एवं परेशानियाँ ख़त्म होती हैं| कई जगह लोग शरद पूर्णिमा की रात चन्द्रमा की रौशनी में सुई में धागा पिरोते हैं, कहा जाता है की ऐसा करने से आँखों की रौशनी तेज़ होती है| बहुत से स्थानों पर इस दिन लोग सत्यनारायण भगवन की कथा का पाठ भी करवाते हैं एवं माँ लक्ष्मी को खुश करने के लिए व्रत भी रखते हैं| इस दिन सफ़ेद रंग के वस्त्र धारण करना अत्यंत शुभ माना जाता है| इस साल शरद पूर्णिमा का पावन पर्व कल रात 19 अक्टूबर से शुरू हो चूका है जो आज रात यानी 20 अक्टूबर को 8:20 तक रहेगा|