18 जून 1858 को ग्वालियर में क्या हुआ था झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के साथ
1857 की क्रांति की आग को चिंगारी देने वाली और अपने शौर्य, वीरता और निडरता से अंग्रेज़ों को नाकों चने चबवाने वाली झांसी की रानी लक्ष्मी बाई की आज 164 वीं पुण्यतिथि पर जानिए ग्वालियर की उस जगह के बारे में जहां लक्ष्मीबाई ने अपने जीवन के अंतिम क्षण व्यतीत किये और वीरगति को प्राप्त कर इतिहास के पन्नो में सदा के लिए अमर हो गईं।
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