सिंधिया समर्थक पप्पन शर्मा की भतीजी लापता, बोले-‘लाडली’ नहीं मिली तो सड़क पर उतरूंगा  

2018 में सीएम शिवराज की सरकार बनवाने वाले सिंधिया के ख़ास समर्थक, पुनीत शर्मा की भतीजी पिछले दो महीने से है लापता। पुलिस अभी तक कर रही है जांच पड़ताल। मामले को लेकर पप्पन ने दिया बड़ा बयान।

<p>सिंधिया समर्थक पप्पन शर्मा की भतीजी लापता, बोले-&lsquo;लाडली&rsquo; नहीं मिली तो सड़क पर उतरूंगा &nbsp;</p>

भिंड जिले के मेहगांव में एक परिवार की नाबालिग बेटी करीब दो महीने से लापता है। परिवार से जुड़े एक सदस्य बताते हैं कि उनकी बेटी को खोजने के लिए कई बार पुलिस से कहा लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद उन्होंने सीएम हेलपलाइन में शिकायत कर दी लेकिन वे बताते हैं कि पुलिस इससे नाराज़ हो गई और पीड़ित परिवार के लोगों पर शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाने लगी। मामले को एक आरटीआई कार्यकर्ता ने उठाया और तमाम पुलिस अधिकारियों से इसे लेकर सवाल जवाब शुरु किये। इसके बाद लड़की के जल्द मिलने की उम्मीद जागी है।

 

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक मप्र में भी लापता होने वाली महिलाओं और बच्चियों का मामला बेहद गंभीर है और पुलिस इसे लेकर कुछ खास सफल दिखाई नहीं देती। आंकड़े बताते हैं  कि साल 2019 से 2021 के बीच पुलिस को  99119 महिलाओं और नाबालिग बच्चियों की गुमशुदगी की शिकायत मिली और पुलिस इनमें से 49 प्रतिशत यानी 33274 महिलाओं का पता नहीं लगा सकी। अगर इनमें 2830 नाबालिग भी जोड़ दी जाएं तो यह संख्या 36104 हो जाएगी।

 

मेहगांव में जिस नाबालिग की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है वह भाजपा नेता पुनीत शर्मा के परिवार से बताई जाती है। बच्ची को न खोज पाने के लिए पुलिस के ढ़ीले रवैये पर उन्होंने खुलकर नाराजगी जताई और 14 मई को एक ट्वीट किया। 

ऐसा नहीं है कि पुनीत शर्मा उर्फ पप्पन कोई छोटे मोटे नेता हों। ये सिंधिया सर्मथक हैं और पहले NSUI के नेता भी रहे हैं। साल 2019 में कमलनाथ सरकार जब गिराई गई थी तो ये ही थे जिन्हें विधायकों को संभालने की जिम्मेदारी दी गई थी, और इस ऑपरेशन जिसे 'ऑपरेशन लोटस' नाम दिया गया था, उसके एक बहुत महतवपूर्ण हिस्सा थे। पुनीत शर्मा ही थे जो बैंगलोर पहुंचे कांग्रेस के जीतू पटवारी से हाथापाई करते दिखाई दिए थे। बताया जाता है कि शर्मा को भाजपा की सरकार बनाने के लिए खास जिम्मेदारी दी गई थी वे ही जहाज़ों का इंतज़ाम कर रहे थे और होटलों में विधायकों की व्यवस्था भी उन्ही ने कराइ थी।

 

बच्ची दो महीने के ऊपर समय से लापता है, पुलिस अपने काम में ढील दे रही थी की तभी व्यापम घोटाले के विशल ब्लोअर आशीष चतुर्वेदी जी का एक ट्वीट सामने आता है। जिसमे वह सीधा शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए प्रदेश की गुमशुदा मामा की लाड़ली बहनों व लाड़ली बेटियों को ढूंढने की बात रखते हैं और लापता नाबालिग कन्या को स्वयं अपनी बहन बताते हुए,अनुरोध करते हैं लापता नाबालिग को जल्द से जल्द उसके परिवार के पास पहुंचाने के लिए। 

 

इसके तुरंत बाद पुलिस सक्रीय होती है और मामले को गंभीरता से लेती है। ग्वालियर के महल गाओं थाना टीआई रविंद्र शर्मा जी से बात करने के बाद यह बात सामने आई है, की बीते दिन 6 मई के दिन मामले में अज्ञात के खिलाफ धरा 363 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। जिसकी जाँच के चलते कुछ अज्ञातों के नाम सामने आये हैं, जिनके निवासों पर निरंतर दबिश जारी है। पुलिस प्रशासन द्वारा आश्वाशन जताया गया है, की लापता नाबालिग को जल्द से जल्द खोज कर उसके परिजनों के पास पंहुचा दिया जायेगा।

इन्ही बयानों व नाबालिक की दो महीने से गुमशुदगी के चलते, कल 16 मई को नाबालिक के चाचा व सिंधिया समर्थक पप्पन शर्मा जी का एक बयान सामने आया। अपने बयान में वह यह साफ़ कहते हुए नज़र आये की प्रशासन व पुलिस का अगर यही रवैया रहा तो वह स्वयं सड़कों पर उतरेंगे और सरकार व प्रशासन को यह सन्देश देंगे की महिलाओं के सुरक्षा के मामलों पर गंभीरता से काम किया जाये। उनके बयान में एक बात यह भी स्पष्ट थी की अगर उनके परिवार की बच्ची के अलावा भी अगर प्रदेश की किसी भी अन्य लाडली के परिवार के साथ ऐसा हादसा होता तो भी वह यही रवैया अपनाते और सड़क पर उतर कर शासन तक अपनी बात पहुंचते। मामले की संगीता को देख कर प्रदेश की लापता लाडलियों का मुद्दा अब वाकई चिंता जनक है। 

 

अब इस मामले के साथ साथ मध्य प्रदेश के राजनैतिक गलियारे से एक हलचल और सामने आरही है। जिसके चलते ऑपरेशन लोटस के मुख्य किरदार रहे पुनीत शर्मा जी के ही जैसे कई सिंधिया  समर्थक भाजपा दाल के नेताओं को सियासी समस्याओं से गुज़ारना पड़ रहा है। यह अटकलें भी लगाई जा रही हैं की आगामी विधान सभा चुनाव से पहले कई बड़े नाम वापस से अपने दल बदलने पर ज़ोर दे सकते हैं और अंदर की बातों पर गौर किया जाये तो इस तरह के माहौल से आने वाले चुनाव में प्रदेश की राजनीति में कई बड़े बदलाव देखे जा सकते हैं।