तानसेन समारोह में दिखेगी दक्षिण कला की झलक, कर्नाटक के चेन्नेकेशव मंदिर की थीम पर बनेगा समारोह का मंच

<p>तानसेन समारोह में दिखेगी दक्षिण कला की झलक, कर्नाटक के चेन्नेकेशव मंदिर की थीम पर बनेगा समारोह का मंच</p>

ग्वालियर में बुधवार को भारतीय शास्त्रीय संगीत के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव “तानसेन समारोह” के मुख्य मंच की थीम तय हो गई है। कर्नाटक के बेलूर में स्थित चेन्नकेशव मंदिर की थीम पर इस बार विश्व संगीत समागम तानसेन समारोह का भव्य एवं आकर्षक मंच बनाया जायेगा। चेन्नकेशव मंदिर की वास्तुकला, मूर्तियों, नक्कासियों, भित्ति चित्रों और शिलालेख विश्वविख्यात है। चेन्नकेशव मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित मंदिर है। सन् 1117 ईसवी में वर्धन साम्राज्य के राजा विष्णुवर्धन द्वारा यागची नदी के किनारे बेलूर में इस मंदिर का निर्माण शुरू किया गया था। राजा की तीन पीढ़ियों के समय तक इस मंदिर का निर्माण होता रहा और यह 103 वर्ष में बनकर तैयार हुआ। विश्व संगीत समागम तानसेन समारोह का इस बार विस्तार किया गया है। समारोह के तहत इस बार पूर्वरंग “गमक” की तीन सभायें होंगीं। “गमक” की पहली सभा 16 दिसम्बर को शिवपुरी व दूसरी सभा 17 दिसम्बर को दतिया में सजेगी। “गमक” की तीसरी सभा तानसेन समारोह के एक रोज पहले यानि 18 दिसम्बर की सांध्यबेला में यहाँ इंटक मैदान हजीरा में सजेगी। जिसमें सुविख्यात सूफियाना एवं सिने गायक हंस राज हंस की प्रस्तुति होगी। वहीं मुख्य तानसेन समारोह 19 दिसम्बर को शुरू होगा।